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हिंदी दिवस 2

 अभी अभी मैंने हिंदी दिवस पर ब्लॉग लिखा जिसमें अपनी भूल जाहिर की कि मैं एक दिन हिंदी दिवस ही भूल गया। पर हिंदी दिवस के दिन सभी को शुभकामनाएँ दीं। मेरे ब्लॉग में समाहित दिनेश पाठक शशि की पोस्ट पर काफी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की नई दिल्ली से डॉ सोमदत्त शर्मा ने  मुंबई से डॉ वीरेंद्र कुमार मिश्र ने प्रतिक्रिया स्वरूप कई तथ्य उजागर कर दिए, जिन्हें मैं यहाँ उद्धृत कर रहा हूँ-  " इसके साथ कुछ और स्मरण हो रहा है। १. सोवियत संघ में स्वतंत्र भारत (उस समय यह भारतवर्ष था, इंडिया नहीं) की पहली राजदूत  जवाहरलाल नेहरू की बहन पंडित विजयलक्ष्मी ने जब वहां पहुंच कर अपना परिचय पत्र अंग्रेजी में दिया तो सोवियत सरकार ने उसे स्वीकार नहीं किया, और कहा कि आप अपनी राजभाषा में यह परिचय पत्र दें। रातों रात विशेष विमान से हिंदी में परिचय पत्र भेजा गया उसके पश्चात ही उन्हें राजदूत मान कर राजदूतावास में प्रवेश दिया गया। २. शशी कपूर ने अपनी फिल्म *३६ चौरंगी लेन* जब विश्व फिल्म फेस्टिवल में भेजी तो वह यह कह कर वापस कर दी गई कि आप अपने देश की (राज)भाषा की फिल्म भेजें, अंग्रेज़ी की बहुत फिल्में यहां हैं। ३. तत्का